Bachpan Ke Dost Shayari

  • बहुत खूबसूरत था महसूस ही नहीं हुआ 👶,
    कब कहां और कैसे चला गया बचपन हमारा! 👧👬
  • किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश 👧,
    तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की 👬👶
  • बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव 👫👬,
    जब से डिग्रियाँ समझ में आई 👬👫,
    पाँव जलने लगे! 👶
  • कितने खुबसूरत थे बचपन के वो दिन 👶,
    सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती 👧👦,
    फिर से शुरु हो जाया करती थी 👧👬
  • चील उड़ी 👶,
    कौआ उड़ा 👫👬,
    बचपन भी कहीं उड़ ही गया! 👶👫

Bachpan Ke Dost Shayari

रोने की वजह भी न थी 👬👧,
न हंसने का बहाना था 👬👧,
क्यों हो गए हम इतने बडे 👦👫,
इससे अच्छा तो 👦👶,
वो बचपन का जमाना था! 👦
जिस तरह रात के बिना दिन का वजूद नहीं 👦👶,
उसी तरह मेरे बचपन के दोस्त के बिना मेरा वजूद नहीं! 👧👬
जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले बड़ा कर दिया साहब 👬👫,
वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था! 👫
चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें 👦👶,
बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा 👦👫
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से 👦👫,
कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं 👧
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से 👫👧,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं! 👦👶
चलो आज बचपन का कोई खेल खेलें 👦👫,
बड़ी मुद्दत हुई बे-वजह हंसकर नहीं देखा! 👦👶
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त 👦,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता! 👧👫
कोई तो रुबरु करवाओ 👧👶,
बेखोफ़ हुए बचपन से 👦👫,
मेरा फिर से बेवजह मुस्कुराने का मन है! 👫👧
नींद तो बचपन में आती थी 👫👬,
अब तो बस थक कर सो जाते है 👧
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम 👬,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम 👶
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को 👧,
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर! 👧👶
बहुत खूबसूरत था महसूस ही नहीं हुआ 👶,
कब कहां और कैसे चला गया बचपन हमारा! 👧👬
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश 👧,
तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की 👬👶
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव 👫👬,
जब से डिग्रियाँ समझ में आई 👬👫,
पाँव जलने लगे! 👶
कितने खुबसूरत थे बचपन के वो दिन 👶,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती 👧👦,
फिर से शुरु हो जाया करती थी 👧👬
चील उड़ी 👶,
कौआ उड़ा 👫👬,
बचपन भी कहीं उड़ ही गया! 👶👫
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे 👫,
जहां चाहा रो लेते थे 👫,
पर अब 👦👫,
मुस्कान को तमीज़ चाहिए 👫,
और आंसूओं को तनहाई! 👦👶
बचपन की दोस्ती और अपनों का प्यार 👫,
यह जिसके पास है 👬👧,
उसने जीत लिया संसार! 👦👬
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी 👦👧,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है! 👦👶
मुझे आज भी याद है वो बचपन के दिन 👫👬,
वो कड़ी धुप में खेलना 👫👬,
एक दूसरे का खाना खाना 👦,
लेकिन अब वो सभी बातें नहीं हैं मुमकिन! 👬👫
आजकल आम भी पेड़ से 👬👦,
खुद गिरके टूट जाया करते हैं 👶,
छुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला 👦,
अब बचपन नहीं रहा! 👫
नए दोस्त कविताएं हो सकते हैं लेकिन 👧👬,
पुराने दोस्त अक्षर होते हैं! अक्षरों को न भूलें 👧,
क्योंकि कविताएँ पढ़ने के लिए 👧👫,
आपको उनकी आवश्यकता होगी! 👫
कभी कंचे तो कभी लट्टू 👦,
बचपन में खिलौने कम नहीं थे 👶👬,
पर बचपन के दिन काफी कम थे! 👶
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 👬👧,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते! 👧👶
जिंदगी में कुछ दोस्त बन गये 👦,
कोई दिल में तो कोई आँखों में बस गये! 👦,
कुछ दोस्त अहिस्ता से बिछड़ते चले गये 👫,
पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये! 👫
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे 👦👫,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे 👶,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता 👫,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे 👶
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर 👶👧,
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर! 👶👦
जीवन के हर पड़ाव पर हर किसी का एक दोस्त होता है 👧👶,
लेकिन केवल भाग्यशाली लोगों को ही जीवन के 👶,
सभी चरणों में एक ही दोस्त मिलता है! 👶👫
कुछ लोगों के साथ खून का रिश्ता नहीं होता 👦👫,
लेकिन फिर भी उनसे अपनो वाली खुशबू आती है! 👶
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था 👶,
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था 👬
तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज 👦👧,
आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना 👬,
दोस्तों से लड़ना 👫,
रूठना 👫👬,
मनाना! 👫👬
दिल चाहता है की एक बार फिर बचपन जियूं 👦👬,
पर उसके के लिए मेरा वही बचपन का दोस्त चाहिए 👧
दोस्ती में ना कोई दिन ना कोई वार होता है 👦,
ये तो एहसास है जिसमें बस यार होता है! 👶
ज़िन्दगी में दोस्त तो बहुत बनाये 👶👬,
पर मेरे बचपन के दोस्त जैसे कोई नहीं! 👦
दूर मुझसे हो गया बचपन मगर 👶👦,
मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है! 👬
एक ताबीज़ हमारी गहरी दोस्ती को चाहिए 👧👦,
जरा सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती हैं! 👧👦
आओ भीगे बारिश में 👧👦,
उस बचपन में खो जाएं 👦,
क्यों आ गए इस डिग्री की दुनिया में 👬,
चलो फिर से कागज़ की कश्ती बनाएं! 👶
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना 👶,
जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए! 👬
दोस्तो से दोस्ती रखा करो तबियत मस्त रहेगी 👧👦,
ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ सेदुरुस्त किया करते हैं! 👶
अलग होने से यह तथ्य नहीं बदल जाता कि 👦👶,
लंबे समय तक हम साथ-साथ बढ़े! 👦
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर 👦👶,
बस अपनी ही धुन बस अपने सपनो का घर 👦👶,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर! 👧👶
मै दोस्त छोड़ न पाया बुरी लतों की तरह 👶,
वो मेरे साथ है बचपन की आदतों की तरह 👶
वो बचपन की अमीरी न जाने कहां खो गई 👬👦,
जब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे 👦👫
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था 👶👦,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था 👬👦,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में 👦,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था! 👶👧
जीवन में बचपन के दोस्तों का होना धागे में पिरोए 👫👧,
असली मोतियों की तरह है 👦👬,
जो हमेशा 👫,
चमकते रहते हैं और जीवन को उज्ज्वल बनाते हैं! 👬👦
बचपन भी कमाल का था 👬,
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें 👬,
या ज़मीन पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी 👶
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी 👬,
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया! 👫
एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो 👧👦,
लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो! 👦
देखो बचपन में तो बस शैतान था 👧👶,
मगर अब खूंखार बन गया हूँ! 👬👦
दोस्ती है हमारी जय और वीरू के जैसी 👧,
जिसने तोड़ने की कोशिश की उसकी ऐसी की तैसी! 👧
हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अब 👶👫,
शायद मेरा बचपन 👬,
खत्म होने को है! 👶👧
दोस्ती एक ऐसा उपहार है जो सभी चीजों में उचित है 👧,
यह किसी के दिल से निकलता है और इसमें 👧👫,
ऐसी यादें शामिल होती हैं जो कुछ समय के लिए नहीं 👦👶,
बल्कि जीवन भर बनी रहती हैं! 👬
कौन कहे मासूम हमारा बचपन था 👦,
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था! 👶👧
बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता है 👶,
ये फल पक कर दोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए! 👬
दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सो 👧,
ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम! 👦
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होती 👶👫,
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है! 👫