नाराज़गी शायरी
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नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है
,
गमों के तो इतने नखरे नही होते! -
ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे
,
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते! -
कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती है
,
समझने समझाने से नहीं! #नाराज़गी -
लोग अक्सर एक ही भूल कर जाते हैं
,
नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते हैं! -
किसी को मनाने से पहले यह अवश्य जान लें
,
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान!
नाराज़गी शायरी
नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है 
,
गमों के तो इतने नखरे नही होते!
गमों के तो इतने नखरे नही होते!
ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे
,
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते!
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते!
कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती है
,
समझने समझाने से नहीं! #नाराज़गी
समझने समझाने से नहीं! #नाराज़गी
लोग अक्सर एक ही भूल कर जाते हैं
,
नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते हैं!
नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते हैं!
नखरे तेरे
,
नाराजगी तेरी
,
देख लेना
,
एक दिन जान ले लेगी मेरी!
नाराजगी तेरी
देख लेना
एक दिन जान ले लेगी मेरी!
नसीबों का मारा मैं
,
तेरी मोहब्बत से हारा मैं
,
तू दिल में बस गयी है ऐसे
,
तुझसे नाराज़गी में भी रोया मैं!
तेरी मोहब्बत से हारा मैं
तू दिल में बस गयी है ऐसे
तुझसे नाराज़गी में भी रोया मैं!
खामोशियां ही बेहतर हैं 
,
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं!
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं!
तुझसे नहीं तेरे वक्त से नाराज़ हु
,
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला ही नहीं!
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला ही नहीं!
नाराज़गी हो तो जता लेना 
,
लेकिन नफ़रत न करना
,
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना
,
बस बेवफाई न करना!
लेकिन नफ़रत न करना
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना
बस बेवफाई न करना!
सबको खुश रखने की कोशिश करोगे 
,
तो खुशियाँ नाराज हो जाएगी
,
दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे
,
तो बस हार हीं हार पाओगे!
तो खुशियाँ नाराज हो जाएगी
दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे
तो बस हार हीं हार पाओगे!
किस बात पर खफा हो
,
यह जरूर बता देना!
,
अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से
,
रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है!
यह जरूर बता देना!
अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से
रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है!
तेरी नाराज़गी
,
मेरी दीवानगी
,
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है!
मेरी दीवानगी
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है!
थोड़ी नाराज़गी है हम दोनों के बीच 
,
पर दिल में एक दूसरे के लिये
,
प्यार और फ़िक्र बहुत है!
पर दिल में एक दूसरे के लिये
प्यार और फ़िक्र बहुत है!
देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो 
,
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही!
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही!
मैंने तेरी नाराज़गी को अपनाया था 
,
पर तूने मेरी खूबियों को भी नज़र अंदाज़ कर दिया!
पर तूने मेरी खूबियों को भी नज़र अंदाज़ कर दिया!
आज मौसम भी कमबख्त खुशमिज़ाज है 
,
क्या करे अब हमारा यार थोड़ा नाराज है!
क्या करे अब हमारा यार थोड़ा नाराज है!
नाराज़गी भी एक खूबसूरत रिश्ता है
,
जिसे होती है
,
वो दिल और दिमाग़ दोनों में रहता है!
जिसे होती है
वो दिल और दिमाग़ दोनों में रहता है!
नाराज़गी भी है लेकिन किसको दिखाऊं 
,
प्यार भी है लेकिन किस से जताऊँ
,
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं
,
अब उनपर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं!
प्यार भी है लेकिन किस से जताऊँ
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं
अब उनपर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं!
नाराज़ होना वहाँ बेहतर है
,
जहाँ उस नाराज़गी की कदर हो!
जहाँ उस नाराज़गी की कदर हो!
नाराज़गी है न जाने फिर भी ये दिल क्या चाहता है 
,
ख्याल तुम्हारा अक्सर रूठने के बाद भी आता है!
ख्याल तुम्हारा अक्सर रूठने के बाद भी आता है!
किसी को मनाने से पहले यह अवश्य जान लें
,
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान!
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान!
ना आँखों में चमक 
,
ना होंठों पर कोई हलचल है
,
तेरी नाराजगी का ऐसा असर है कि अब तो गम हर पल है!
ना होंठों पर कोई हलचल है
तेरी नाराजगी का ऐसा असर है कि अब तो गम हर पल है!
इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना 
,
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का!
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का!
तेरी बात को खामोशी से मान लेना
,
ये भी अंदाज़ है मेरी नाराज़गी का!
ये भी अंदाज़ है मेरी नाराज़गी का!
फितरत में नहीं हैं किसी से नाराज होना
,
नाराज वो होतें हैं जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है!
नाराज वो होतें हैं जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है!
वो शख्स कुछ नाराज़ सा था मुझ से 
,
शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था
,
चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका
,
लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था!
शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था
चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका
लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था!
बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक़ है तुम्हे 
,
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना!
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना!
जिंदगी की नाराजगी लगता है
,
मुझसे खत्म हीं नहीं होगी
,
जिसे हद से ज्यादा चाहा
,
वो कभी मेरी नहीं होगी!
मुझसे खत्म हीं नहीं होगी
जिसे हद से ज्यादा चाहा
वो कभी मेरी नहीं होगी!
उसकी ये मासूम अदा मुझे खूब भाति है
,
नाराज मुझसे होती है गुस्सा सबको दिखाती है!
नाराज मुझसे होती है गुस्सा सबको दिखाती है!
आज कुछ लिख नही पा रहा
,
शायद कलम को मुझसे नाराजगी है!
शायद कलम को मुझसे नाराजगी है!
यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता 
,
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता!
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता!
शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे
,
जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता
,
मेरे नाराजगी से क्या होगा!
जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता
मेरे नाराजगी से क्या होगा!
जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं 
,
काश वैसे ही तुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते!
काश वैसे ही तुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते!
यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते हैं
,
दौर नाराजगी का ख़त्म हो
,
तो फिर बात करते हैं!
दौर नाराजगी का ख़त्म हो
तो फिर बात करते हैं!
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते 
,
मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ारों थे!
मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ारों थे!
नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है 
,
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है
,
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
,
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है!
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है!